FII Data: विदेशी निवेशकों की जोरदार खरीदारी, 8 दिनों में तीन महीने का रिकॉर्ड टूटने के आसार!
FII डेटा के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने पिछले 8 सेशन में 32,466 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी की है। यदि मौजूदा महीने के शेष 3 सेशन में भी उनकी खरीदारी जारी रहती है, तो तीन महीने बाद FII मासिक आधार पर नेट खरीदार बन सकते हैं।
(नोट: यह वाक्य स्पष्ट करता है कि यदि अगले 3 ट्रेडिंग सेशन में FII खरीदारी जारी रखते हैं, तो अगले तीन महीनों में उनका मासिक नेट पोजीशन खरीदारी के रूप में दर्ज हो सकता है।
भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बढ़ती दिलचस्पी ने एक नया उत्साह पैदा किया है। लगातार 8 कारोबारी सत्रों से ये निवेशक भारतीय शेयरों में भारी मात्रा में पूंजी लगा रहे हैं। यदि यही रुझान जारी रहा, तो पिछले तीन महीनों का सबसे बड़ा FII निवेश रिकॉर्ड टूट सकता है।
बाजार में नई चमक, इंडेक्स ने छुआ नए स्तर
FIIs की लगातार खरीदारी से बाजार का माहौल सकारात्मक हुआ है, जिसका असर प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी पर दिखाई दे रहा है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने हजारों करोड़ रुपये की शेयर खरीदारी की है, जिससे बाजार में ताजा तेजी आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस खरीदारी का फायदा न केवल बड़ी कंपनियों, बल्कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों को भी मिल रहा है। नतीजतन, निवेशकों का विश्वास बढ़ा है और ट्रेडिंग वॉल्यूम में भी उछाल देखा गया है।
FIIs की बढ़ती दिलचस्पी के पीछे क्या कारण हैं?
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भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती – GDP वृद्धि दर के अनुमान से बेहतर प्रदर्शन ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है।
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कमोडिटी बाजार में स्थिरता – कच्चे तेल और अन्य कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव कम होने से निवेशकों को भरोसा मिला है।
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अमेरिकी ब्याज दरों में स्थिरता – फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी रोके जाने के संकेतों से उभरते बाजारों में निवेश बढ़ा है।
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कंपनियों के मजबूत नतीजे – कई प्रमुख भारतीय कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीदों से बेहतर रहे हैं, जिससे बाजार में सकारात्मक रुझान बना है।
तीन महीने का सबसे बड़ा निवेश रिकॉर्ड टूटने की संभावना
यदि अगले कुछ दिनों में FIIs की खरीदारी इसी गति से जारी रही, तो नवंबर 2024 के बाद से यह सबसे बड़ा विदेशी निवेश अंतराल होगा। नवंबर में हुई भारी खरीदारी ने ही बाजार को नए रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंचाया था, और अब एक बार फिर ऐसी ही संभावनाएं दिख रही हैं।
निवेशकों के लिए क्या है सही रणनीति?
बाजार विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशकों को इस तेजी का लाभ उठाने के लिए दीर्घकालिक नजरिया अपनाना चाहिए। हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने की आशंका को देखते हुए मजबूत मूलभूत संकेतकों (फंडामेंटल्स) वाले शेयरों को प्राथमिकता देनी चाहिए। साथ ही, जोखिम कम करने के लिए पोर्टफोलियो में विविधता (डाइवर्सिफिकेशन) बनाए रखना भी जरूरी है।